-: उत्तराखंड का राज्य वृक्ष “बुरांश” परिचय:- INTRODUCTION OF UTTARAKHAND STATE TREE “BURANSH”
उत्तराखंड का राज्य वृक्ष “बुरांश” सुन्दर फूलों वाला एक वृक्ष है। बुरांश का फूल या पेड़ जिसका वानस्पतिक नाम रोडोडेंड्रॉन अरबोरियम (RHODODENDRON ARBORIAM) है, बसंत के मौसम अर्थात मार्च-अप्रैल में अपने रंग बिरंगे फूलों से उत्तराखंड के प्राकृतिक सौंदर्य एवं विविधता को और अधिक निखार प्रदान करता है। उत्तराखंड का राज्य वृक्ष “बुरांश” है, तथा नेपाल में बुरांश के फूल को राष्ट्रीय फूल घोषित किया गया हैं।
यह विशेषत: पर्वतीय वृक्ष है, जोकि मैदानी इलाकों में नहीं हो सकता। बुरांश हिमालयी क्षेत्रों में 1500 से 4000 मीटर की ऊंचाई पर पाया जाने वाला सदाबहार वृक्ष है। बुरांश के फूलों का रंग लाल होता है। 11000 मीटर की ऊंचाई पर सफ़ेद रंग के बुरांश पाए जाते है। बुरांश के वृक्षों की ऊंचाई 20 से 25 फीट तक होती हैं। इसकी लकड़ी भी अत्यधिक मूल्यवान है, जिसका उपयोग ईंधन के रूप में किया जाता हैं। इसके पत्तों से खाद बनाई जाती हैं।
बुरांश के पेड़ों पर मार्च-अप्रैल माह में लाल रंग के फूल खिलते है। बुरांश की लगभग 300 प्रजातियाँ पाई जाती हैं। बुरांश के अवैध कटान के कारण वन अधिनियम 1974 में इसे संरक्षित वृक्ष घोषित किया गया है, परन्तु इसके बाद भी बुरांश का संरक्षण नहीं हो पा रहा हैं।
उत्तराखंड के उच्च हिमालयी क्षेत्रों की शान सफ़ेद बुरांश के बारे में कम लोग ही जानते है। यह जहाँ अत्यधिक बर्फ पढ़ती है, उसके बाद गर्मियों में बर्फ पिघलने के बाद खिलता है। इसमें कई औषधीय गुण पाए जाते हैं। बर्फीले इलाकों में उगने वाला बुरांश का सफ़ेद फूल अत्यंत सुंदर एवं लाभकारी होता हैं।
:- “बुरांश” का महत्व -: IMPORTANCE OF BURANSH
बुरांश उत्तराखंड का राजकीय वृक्ष है उसके साथ ही यह नेपाल का राष्ट्रीय पुष्प भी हैं। किवंदिति है कि मुग़ल काल में शाहजहाँ की बेगम मुमताज को बुरांश का फूल बहुत पसंद था इस कारण उनके लिए शिमला से बुरांश के फूल मंगाए जाते थे। बुरांश की सुंदरता से बहुत से कवियों की रचनाओं में भी बुरांश के फूलों के साथ-साथ इस समय की हरियाली और मौसम का वर्णन दिखाई देता है। यहाँ की लोककथाओं और लोकगीतों मे भी बुरांश की सुंदरता का वर्णन मिलता है।
-: “बुरांश” का उपयोग :- USE OF BURANSH
बुरांश का प्रयोग बहुत कामों में किया जाता है, इससे कई प्रकार के उत्पाद बनाये है। बुरांश के कुछ प्रमुख उपयोग निम्न प्रकार है:-
(1) खाद के रूप में (As Manure):-
बुरांश के वृक्ष की पत्तियाँ चौड़ी प्रकार की होती है जो सूखने के बाद खाद के रूप में प्रयोग में लाई जाती है।
(2) खाद्य पदार्थों के रूप में (As Food Items):-
बुरांश के फूल से जैम, जेली एवं जूस बनाया जाता है। इसका जूस अत्यंत ही लाभकारी एवं स्वादिष्ट होता है। इसकी पत्तियों से सब्जी भी बनाई जाती है।
(3) दवाई के रूप में (As Medicine):-
बुरांश की पत्तियों से लेप बनाया जाता है, जिससे सरदर्द दूर हो जाता है। माँसपेसियो के दर्द के लिए भी ये अत्यंत लाभकारी है। स्वास की बीमारियों के लिए भी इसका प्रयोग किया जाता है।
सफ़ेद बुरांश दिल और पेट की बीमारियों के लिए रामबाण मन जाता है। सफ़ेद बुरांश में अत्यंत औषधीय एवं लाभकारी गुण होते है।
(4) अन्य उपयोग (Other Uses):-
बुरांश की लकड़ी का प्रयोग चारकोल एवं ईंधन बनाने में किया जाता है।
बुरांश मात्र इतने ही क्षेत्रों में उपयोगी नहीं है बल्कि लघु एवं कुटीर उद्योगों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। लोग बुरांश के फूल से निर्मितं जैम, जेली एवं जूस का लघु उद्योग लगाकर व्यापार करते है। जिससे हिमालयी क्षेत्रों में रोजगार के अवसर उत्पन्न होते है जो राज्य की प्रगति एवं विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है।
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उत्तराखंड का राज्य वृक्ष “बुरांश” | “BURANSH” STATE TREE OF UTTARAKHAND| FLOWERS OF BURANSH
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